मैदान का एक गाँव रिसदा

खाली स्थान भरिए
1 नदियाँ पहाड़ी और पठारी इलाकों से उपजाऊ मिट्टी लाकर मैदानी इलाकों में बिछाती है
2 पहाड़ों की तुलना में मैदानों की जमीन समतल और सपाट होती हैं।
3 रिसदा गाँव में फसलों की सिंचाई ज्यादातर नहर से होती है।
4 रिसदा गाँव के लोगों को पीने का पानी जल प्रदाय टंकी के नलों से मिलता है।

सही व गलत बताईए।
1 मैदानी गाँव में फसलों की पैदावार पहाड़ी गाँव के से अधिक होती है। सही
2 मैदानी गाँव में पहाड़ी गाँव के मुकाबले कम लोग रहते हैं। गलत
3 मैदानी गाँव में लोग जंगलों पर निर्भर रहते हैं। गलत
4 रिसदा में एक ही जाती के लोग रहते है। गलत

 

निम्नलिखित प्रष्नों के उत्तर दीजिए
1 नदियों द्वारा मैदान किस प्रकार बनाए जाते हैं?
उत्तरः बरसात के दौरान नदियां द्वारा उपजाऊ मिट्टियों को फैलाने और लगातार बिछाते रहने के कारण मैदान बनते हैं।

प्रश्न 2. मैदानी इलाकों के गाँवों में लोगों के घर सटे सटे क्यों होते
उत्तर- मैदानी इलाकों के गाँवों में लोगों के घर सटे सटे इसलिए होते है क्योंकि मैदानी इलाके समतल और सपाट होते है तथा आबादी घनी होती है घनी आबादी के वजह से ही घर सटे सटे होते हैं।

प्रश्न 3. मैदानी इलाकों में सिंचाई के कौन-कौन से साधन है? उत्तर- मैदानी इलाकों में सिंचाई के बहुत से साधन है। रिसदा गाँव के पश्चिम में कुकुरदी जलाशय है। यहाँ नहर द्वारा गाँव की खेतों की सिंचाई होती है। यहाँ जलाशय मुख्य रूप से वर्षा से भर जाता है। रिसदा गाँव में तालाब भी है। लेकिन अधिकतर तालाबें पुराने मालगुजारों की निजी सम्पत्ति है इन तालाबों का उपयोग सिर्फ वही लोग कर सकते हैं।

प्रश्न 4. छत्तीसगढ़ के मैदानी गाँवों में धान की खेती ज्यादातर छिड़ककर विधि से क्यों की जाती है?

उत्तर- छत्तीसगढ़ के मैदानी भागों में पहली बारिश के बाद खेतों में धान को छिड़ककर बुवाई की जाती है, यह ष्बोता विधि” भी कहलाता है। इस विधि का उपयोग कम बारिश होने या सिंचाई के साधन नहीं होने पर किया जाता है।

प्रश्न 5. रिसदा के लोगों ने अब काम की तलाश में दूसरे राज्यों में जाना क्यों कम कर दिया है?
उत्तर-रिसदा गाँव के लोगों नेें अब काम की तलाश में दूसरे राज्यों में जाना कम कर दिया है क्योंकि, पढ़े-लिखे जवान अपना रोजगार खुद चलाने लगे हैं। गाड़ी मरम्मत, बिजली सुधार, कपड़ा सिलाई आदि काम करने लगे है। कुछ लोग अब बाहर जाना छोड़कर गाँव में ही ईट, कवेलू (खपरैल) आदि बना कर जीवकोपार्जन कर रहे। काम काज बढ़ने से महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है और उन्होंने स्व-सहायता समूह भी बना लिया है।

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