इतिहास के स्रोत

अभ्यास के प्रश्न

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) सिंघनपुर की गुफाएँ रायगढ़ के पास स्थित है ।
(ब) जो पुरानी चीजों की खोज करते हैं उन्हें पुरातत्ववेत्ता कहते हैं।
(स) महंत घासीदास संग्रहालय रायपुर में है।
(द) कबरा की पहाड़ी पर बने शैल चित्र आदिमानव काल के है।
(ई) किरारी गांव से प्राप्त काष्ठ स्तम्भ लेख ऐतिहासिक महत्व का है।

2. सही जोड़ी मिलाइए
अ महाभारत – ग्रंथ
ब पाली – प्राचीन भाषा
स. कबरा पहाडी -शैल चित्र
द संग्रहालय -दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह
इ. शिलालेख – शिलाओं पर खोदकर लिखी गई बातें

3. हाँ या नहीं में उत्तर दीजिए
(अ) इतिहास में सिर्फ राजा महाराजाओं के बारे में ही अध्ययन किया जाता है ( नहीं)
(ब) सिंघनपुर की गुफाओं के शैलचित्र आदिमानव काल के हैं । ( हाँ ) )
(स) ताँबे के पत्रों पर खोदकर लिखी गई बातें भोजपत्र कहलाती हैं । ( नहीं)
इसमें दी गई सामग्रियों का छ भाषाओं में अनुवाद प्राप्त कर सकते हैं । इससे अंग्रेजी माध्यमों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को सुविधा होगी।

4. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(अ) इतिहास किसे कहते हैं ?
उत्तर: इतिहास वह समय है जो बीत चुका है। इतिहास भूतकाल को जानने का वह तरीका
बताता है जिसकी सहायता से हम इतिहास को समझ सकते हैं।
(ब) इतिहास जानने के साधन क्या-क्या है ?
उत्तर: इतिहास जानने के कई साधन हैं जैसे- पुराने ग्रंथ, शिलालेख , खुदाई से प्राप्त अवशेष,
भवन, बर्तन, औजार, हथियार, चित्र, सिक्के एवं यात्रा संस्मरण इत्यादि।
(स) प्राचीन लेख किन भाषाओं में लिखे गए हैं ?
उत्तर: प्राचीन लेख पाली या प्राकृत भाषा में लिखे गए हैं।
(द) पुरातत्ववेत्ता किसे कहते हैं ?
उत्तर: पुरातत्ववेत्ता वे होते हैं जो पुरानी बसाहटों को खोदकर या खोजकर उनके बारे में तथ्यों का
पता लगाते हैं तथा उतीत के भौतिक अवषेषों का अध्ययन करते हैं।
(इ) हमें इतिहास जानना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर: हम अपनी सभ्यता और संस्कृति के बारे में बहुत कुछ इतिहास पढ़कर ही जान सकते हैं ।हम
समझ सकते है। कि हमारी आज की उन्नति के पीछे हमारा लंबा और महान अतीत छुपा
हुआ है।
(फ) प्राचीन वस्तुओं से इतिहास की जानकारी कैसे होती है ?
उत्तर:प्राचीन वस्तुओं को अध्ययन कर पता लगाया जा सकता है कि उस समय घरों में कैसे बर्तन
काम में लाए जाते थे, बाल सँवारने के कंघे कैसे होते थे, पहनावा कैसेा होता था ? क्या-क्या
भोजन करते थे और उस समय किन-किन देवी देवतओं की पूजा की जाती थी।

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