बालगीतम्

पाठ का हिन्दी अनुवाद
मा कुरु दर्प मा कुरु गर्वम्
मा भव मानी, मानय सर्वम् ।
मा भज दैन्यं, मा भज शोकम्
मुदितमना भव मोदय लोकम् ॥
(घमण्ड मत करो अभिमानी मत बनो। सबाक आदर करो। दीनता को मत ग्रहण करो। शोक मत करो। प्रसन्न मन वाले बनो और संसार को प्रसन्न करो। )

मा वद मिथ्यां मा वद व्यथम्
न चल कुमार्गे, न कुरु अनर्थम्
पाहि अनाथं, पालय दीनम्
लालय जननीजनक-विहीनम् ॥

(झूठ मत बोलो। व्यर्थ मत बोला। बुरे रास्ते पर मत चलो। अनर्थ मत करो। अनाथ की रक्षा करो। गरीबों का पालन करो। माता-पिता से रहित लोगों से प्यार करो। )

प्रश्न (1) अधोलिखित में कर्म जोड़िए।
(क) लोकम् मोदय
(ख) अनाथं पाहि
(ग) दीनम पालय
(घ) सर्वम् मानय

प्रश्न (2) अधोलिखित शब्दों को विलोम शब्दों के साथ मिलाइए
(1) सनाथः अनाथः
(2) सुमार्गः -कुमार्गः
(3) हर्षः- शोकः
(4) सत्यम् -मिथ्यामानी
(5) नम्रः -मानी

प्रश्न (3) अधोलिखित वाक्यों में अव्यय शब्द भरिए –
मिथ्या .. मा…वद ।
कुमार्गे ..…चल ।
वयर्थम्…मा वद ।
दर्प ..मा…कुरु ।

प्रश्न (4) अधोलिखित पङ्क्तियों को गीत के क्रम में लिखिए –
(1) लालय जननीजनक विहीनम् ।
(2) मा भज दैन्यं मा भज शोकम् ।
(3) मा भव मानी मानय सर्वम् ।
(4) पाहि अनाथं, पालय दीनम् ।
(5) मा कुरु दर्प, मा कुरु गर्वम् ।
(6) मुदितमना भव मोदय लोकम् ।
(7) न चलु कुमार्गे न कुरु अनर्थम् ।
(8) मा वद मिथ्या, मा वद व्यर्थम् ।

उत्तर सही क्रम इस प्रकार है।

(5) मा कुरु दर्प, मा कुरु गर्वम् ।
(3) मा भव मानी मानय सर्वम् ।
(2) मा भज दैन्यं मा भज शोकम् ।
(6) मुदितमना भव मोदय लोकम् ।
(8) मा वद मिथ्या, मा वद व्यर्थम् ।
(7) न चलु कुमार्गे न कुरु अनर्थम् ।
(4) पाहि अनाथं, पालय दीनम् ।
(1) लालय जननीजनक विहीनम् ।

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