हमारी न्याय व्यवस्था Our Judicial System

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
अ गिरफ्तारी कोई सजा नहीं है।
ब पुलिस नियंत्रण कक्ष का फोन नम्बर .100 है।
2 नीचे दिए गए विवरण को पढ़कर खाली स्थान भरें
तहसीलदार ने मामले की सुनवाई के लिए .आगे की तारीख दी । पहली पेशी चौतू से जमीन के विवाद के बारे में विस्तार से जानकारी ली गई दूसरी पेशी के लिए उसे तीन माह बाद तारीख दी गई तहसीलदार ने दूसरी बार जमीन के कब्जे के बारे में पूछा तो पटवारी ने कहा कि वर्तमान में चौतू की जमीन के कुछ हिस्से पर रामसिंह ने कब्जा किया हुआ है।
तीसरी पेशी में रामसिंह को नोटिस दी गई कि वह अपनी तरफ से जमीन के कागजात व गवाह पेश करे। चौथी पेशी में दोनों पक्षों के गवाहों ने गवाही दी। दोनों वकीलों ने तहसीलदार के सवालों के जवाब दिए ।
तहसीलदार ने दोनों पक्षों के बयान तथा वकीलों की बहस को सुना तथा प्रस्तुत कागजातों की जाँच की, जाँच में विवादित भूमि चौतू का होना तय पाया । अतः उसने अपने फैसले में लिखा कि रामसिंह चौतू की जमीन के हिस्से को छोड़ दे तथा मुआवजे के रूप में चौतू को 5000 रु. तथा न्यायालय खर्च के रूप मे 500 रु. दे।

3.नीचे लिखे कथन सत्य हैं या असत्य लिखिए-
अ. किसी बात की शिकायत पुलिस थाने में करने के लिए एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाती है। सत्य
ब. वकील का काम अपराधी को फैसला सुनाना है। असत्य
स. उच्च न्यायालय में छोटी कचहरी और सेशंस कोर्ट के फैसले बदले जा सकते हैं।

4. अंतर बताएँ-
अ. वकील और जज
उत्तर- ( 1 ) वकील वकील जुर्म की बात मजिस्ट्रेट ( जज ) के सामने रखता है , दलीलें देता है एवं अपराधी को सजा दिलवाता है ।
जज ( मजिस्ट्रेट ) जज दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनता है एवं विचार कर दोषी पाए जाने पर सजा सुनाता है । दो नहीं होने पर दोष
मुक्त करता है ।
ब. मुजरिम और कैदी
मुजरिम – अगर किसी व्यक्ति से अपराध होता है तो वह भुजरिम कहलाता है । ऐसे अपराध जिनसे समाज की शांति व्यवस्था भंग होती है ,
जैसे- चोरी , रिश्वत , डकैती , हत्या , मारपीट आदि अपराध की श्रेणी में आते हैं । कैदी अपराधी व्यक्ति को जज के द्वारा सजा मिलने जब
वह जेल में रहता है तो उसे कैदी कहते हैं
5. निम्नलिखित के कार्य बताएँ- वकील, मजिस्ट्रेट, पुलिस ।
उत्तर- 1. वकील -वकील जुर्म की बात मजिस्ट्रेट (जज ) के सामने रखता है , दलीलें देता है एवं अपराधी को सजा दिलवाता है ।
2. मजिस्ट्रेट -जज (मजिस्ट्रेट) दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनता है एवं विचार कर दोषी पाए जाने पर सजा सुनाता
है । दोष नहीं होने पर दोष मुक्त करता है ।
3. पुलिस -पुलिस शिकायत की गई एफ. आई. आर. मामले की जाँच व कार्यवाही करती है । अपराधियों को पकड़कर न्यायालय में पेश करती है। अपराधी का नाम , स्थान , समय , गवाहों के नाम आदि लिखे जाते हैं । इसी के आधार पर वह छानबीन करता है ।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
अ. हमें न्यायालयों की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर- किसी भी प्रकार के विवाद से निपटने , अपराधिक जन्य मामलों एवं अनेक प्रकार से न्याय पाने के लिए हमें न्यायालयों की आवश्यकता होती है ।

. दीवानी मामलों और फौजदारी मामलों में क्या अंतर है?
त्तर – दीवानी मामले – जमीन जायदाद के झगड़े या मजदूर मालिक के बीच पैसों के लेनदेन में जो विवाद होता है ऐसे मामले दीवानी मामले हैं । फौजदारी मामले – ऐसे मामले जिनसे समाज की शांति भंग होती है जैसे – चोरी , रिश्वत , डकैती , हत्या , मारपीट आदि फौजदारी मामले हैं ।
स. न्यायालय में बार-बार पेशियाँ क्यों होती हैं ?
उत्तर- किसी भी अपराधिक मामले की जड़ तक पहुँचने तथा उचित फैसला लेने के लिए न्यायालय में बार – बार पेशियाँ होती हैं ।

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