दिल्ली सल्तनत का विस्तार Extent of Delhi Saltanate

नीचे दिए गए शब्दों में से सही शब्द चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए-

(दौलताबाद, देवगिरि, रामेश्वरम सिजदा, हुलिया, तुगलकाबाद, कल्चुरियों)

1. अलाउद्दीन खिलजी ने सुल्तान बनने के पूर्व देवगिरि पर आक्रमण किया था।
2 गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलकाबाद नगर की स्थापना की थी।
3. सेना में भ्रष्टाचार रोकने के लिए अलाउद्दीन खिलजी ने सैनिकों की हुलिया प्रथा शुरू की थी।
4 दिल्ली में तुर्क सुल्तानों के शासन के समय छत्तीसगढ़ में कल्चुरियों ….वंश का शासन था।
5 मुहम्मद बिन तुगलक ने दौलताबाद को नई राजधानी बनाया।

5.प्रश्नों के उत्तर दीजिए
1. कैकुबाद के बाद दिल्ली का सुल्तान कौन बना ?
उत्तरः कैकुबाद के बाद दिल्ली का सुल्तान जलालुद्दीन खिलजी बना ।
2 तारीख-ए-फिरोजशाही के लेखक कौन हैं ?
उत्तरः तारीख-ए-फिरोजशाही के लेखक बर्नी हैं ।
3. सेना में घोड़ों को दागने की प्रथा किसने शुरू की ?
उत्तरः सेना में घोड़ों को दागने की प्रथा अलाउद्दीन खिलजी ने शुरू की
4 मुहम्मद बिन तुगलक ने चाँदी की जगह किस धातु के सिक्के चलाए ?
उत्तरः मुहम्मद बिन तुगलक ने चाँदी की जगह कांसे के सिक्के चलाए ।
5 अलाउद्दीन के शासनकाल में किसानों को कितना लगान देना पड़ता था
उत्तरः अलाउद्दीन के शासनकाल में किसानों को उपज का आधा हिस्सा लगान देना पड़ता था ।
6 अलाउद्दीन ने बाजार को नियंत्रित करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए
उत्तरः अलाउद्दीन ने दिल्ली में अपने सैनिकों के लिए कम कीमत पर पर्याप्त सामान प्राप्त करने के लिए भी विशेष प्रयास किए। उसके लिए सभी
सामानों की कीमत तय करने के बाद, उसने घोषणा की कि जो व्यापारी उससे अधिक शुल्क लेगा या सही वजन से कम वजन करेगा, उसे कड़ी
सजा दी जाएगी। साथ ही सभी सामानों का बाजार एक निश्चित स्थान पर रखा जाता था ताकि कीमत पर नियंत्रण किया जा सके।
7 मुहम्मद बिन तुगलक की प्रमुख योजनाओं का वर्णन करो ।
उत्तरः मुहम्मद बिन तुगलक ने कई योजनाएं शुरू की । वह एक दूरदर्शी शासक था। उसकी प्रमुख योजनाएं निम्नलिखित हैं
(१) राजधानी बदलना

दक्षिण भारत को आसानी से नियंत्रित करने के लिए, उन्होंने राजधानी को दिल्ली से देवगिरी स्थानांतरित करने का फैसला किया। देवगिरी का नाम दौलताबाद रखा गया। देवगिरी दिल्ली से 1100 किमी दूर थी। दिल्ली के सभी मजदूरों, लश्कर, उपकरणों को इतनी दूर ले जाने में काफी परेशानी हुई। वहाँ जाकर उसे लगा कि वह देवगिरी से उत्तर भारत जा रहा है। नियंत्रण नहीं रख सका, इसलिए उसने राजधानी को फिर से दिल्ली ले जाने का फैसला किया। इस परिवर्तन के परिणामस्वरूप अपार सार्वजनिक
संपत्ति का नुकसान हुआ और लोग इससे असंतुष्ट भी हो गए। अकाल के कारण धन की हानि हुई तथा प्रजा असंतुष्ट हो गयी।

(२) तांबे के सिक्कों के प्रचलन-

अकाल पड़ने पर तथा राजधानी परिवर्तन के कारण हुई धन की कमी को पूरा करने के लिए, मुहम्मद तुगलक ने तांबे के सिक्कों की शुरुआत की, जिनका अंकित मूल्य सोने-चांदी के सिक्कों के बराबर था। लेकिन उस पर उसका नियंत्रण नहीं हो सका। लोगों ने अपने घरों में टकसाल खोलकर तांबे के सिक्कों की ढलाई शुरू कर दी और इन सिक्कों को बंद करने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें इन सिक्कों के बदले सोने और चांदी के सिक्के देने पड़े, जिससे खजाना खाली हो गया।

8. अलाउद्दीन ने लगान व्यवस्था में क्या सुधार किया ?
उत्तरः (1) उस समय प्रचलित अनेक छोटे-छोटे करों को हटाकर केवल भूमि कर एवं चराई कर वसूल करने का निश्चय किया।
(२) अलाउद्दीन के समय से पहले राजा और गाँव के मुखिया ही किसानों लगान लेते थे। लेकिन बाद में सुल्तान के अधिकारी खुद किसानों से
लगान वसूल करने लगे।
(3) जो रियासतें उन राजाओं और सरदारों को रियायतें मिली हुई थीं, उनका अंत हो गया। इस प्रकार अलाउद्दीन ने किसानों से सीधा
संपर्क किया और बिचौलियों को हटा दिया।

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