सल्तनत कालीन जन-जीवन life in Saltnate Period

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. सल्तनत काल में लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती था।
2 अमीर खुसरो शेख निजामुद्दीन के शिष्य थे।
3. अमीर खुसरो अपने आपको तोता-ए-हिंद कहते थे।
4 सल्तनत के स्थापित होने से पुराने राजा सुल्तान के अधीन अमीर बनकर रहने लगे।
5 गिनती में शून्य का उपयोग भारत के विद्वानों की देन है।



2. प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

1 दिल्ली सल्तनत काल में कहाँ-कहाँ से लोग भारत में आकर बसने लगे ?
उत्तरः दिल्ली सल्तनत काल में ईरान, इराक तुर्कीस्तान , समरकंद और बुखारा जैसे इलाकों से लोग भारत में आकर बसने लगे ।
2 सल्तनत काल में सबसे शक्तिशाली कौन होता था ?
उत्तरः सल्तनत काल में सुल्तान ही शक्तिशाली होता था ।
3. सल्तनतकालीन किन्हीं दो संतों के नाम लिखें।
उत्तरः सल्तनतकालीन दो संतों के नाम कबीर और नानक थे।
4. सल्तनत काल में बड़े अधिकारी और सेनापति को क्या कहा जाता था ?
उत्तरः सल्तनत काल में बड़े अधिकारी और सेनापति को अमीर कहा जाता था।
5 दिल्ली सल्तनत की स्थापना से गाँव के लोगों के जीवन में क्या बदलाव आया ?

उत्तरः गाँव के लोगों को सल्तनत काल में सामंत वसूली नहीं करते थे। सुल्तानों ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया । सुल्तान के अधिकारी लगान इकट्ठा करते थे । कई छोटे करों की जगह एक बड़ा लगान तय किया गया । जो खेती की उपज का लगभग आधा होता था। गाँव के मुखिया इकट्ठा करके सुल्तान के अधिकारियों को देते थे। अक्सर सुल्तान किसानों को लगान नगद देने पर मजबूर करते थे । इस काकरण किसानों को अपना अनाज शहरों में ले जाकर बेचना पड़ता था इससे किसानों का शहरों में आना जाना बढ़ गया ।

6 तुर्कों के आगमन से भवन निर्माण कला के क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए ?
उत्तरः मध्य एशिया के कारीगर जो तुर्कों के साथ भारत आए इमारत बनाने के कई नए तरीकों को भी साथ लाए। इनमें से महत्वपूर्ण थे, जुड़ाई में चूना-गारे का प्रयोग, मीनार, गुंबद व मेहराब का उपयोग।





7 तुकों ने भारत से क्या-क्या सीखा ?

उत्तरः अरब के विद्वानों ने भारत के विद्वानों से गणित, खगोलशास्त्र, आयुर्वोद और योग सीखकर अपने देशें में उनका प्रसार किया । गिनती में शून्य का उपयोग करना भारत के विद्वानों से अरब के गणितज्ञों ने सीखा और उसे यूरोप में फैलाया । उन्होंने पंचतंत्र की कहानियों एवं आयुर्वोद के ग्रंथों को अरबी एवं फारसी भाषा में अनुवाद किया और इनसे लाभ उठाया । तुर्की ने हमारे सामाजिक जनजीवन को कैसे प्रभावित किया ?

8 तुर्कों ने हमारे सामाजिक जनजीवन को कैसे प्रीावित किया ?

उत्तरः तुर्कों ने हमारी सामाजिक जीवन को कई स्तरों पर प्रभावित किया । सूफी संत शेख निजामुद्दीन औलिया के उपदेशों का भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा । सूफी संत दो बातों पर जोर देते थे- ईश्वर से प्रेम और दीन – दुखियों की सेवा । इस विचार ने लोगों को बहुत प्रभावित किया । प्रसिद्ध कवि व सैनिक अमीर खुसरा निजामुद्दीन के शिष्य थे। भारत के कई लोगों ने परिस्थितिवश इस्लाम धर्म को स्वीकार किया । लोग सामाजिक विषमता को भूल सरल सीधे तरीके से जीने की चाह करने लगे ।

9 संतों के मेल-मिलाप ने किस नई विचारधारा को जन्म दिया ?

उत्तरः सल्तनत काल में इस्लाम व हिन्दू धर्म के विभिन्न सम्प्रदायों के बीच विचारों का आदान प्रदान और मेल – मिलाप हुआ । इस्लाम के ऐकेश्वरवाद ने हिन्दू संतों पर गहरा प्रभाव छोड़ा । उसी तरह योग और गीता का गहरा प्रभाव इस्लामी संतों पर भी पड़ा । कई संत इस नतीजे पर पहुँचे कि सभी धर्म एक ही ईश्वर की भक्ति की बातें करते हैं । वे विभिन्न धर्मों के बीच के अंतर को मिटाना चाहते थे । ऐसे ही संत थे कबीर और नानक । कबीर व नानक जैसे संत ऊँच – नीच , जात पात का विरोध करते थे साथ ही सभी धर्मो के आडंबर एवं पाखंड को समाप्त करना चाहते थे। वे ईश्वर के प्रति सच्चे प्रेम और मानवता के मूल्यों को बढ़ावा देना चाहते थे।

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