अभ्यास के प्रश्न
विदेशों से व्यापार और संपर्क
(अ) दिए गए शब्दों के द्वारा खाली स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. सुश्रुत संहिता में चिकित्सा की जानकारी है ।
2. सिक्के साँचे में ढलते थे ।
3. भारत के उत्तर-पश्चिम गांधार में है।
4. सामान बनाने वाली कम्पनी पहचान के लिए लेबल लगाते हैं।
(ब) एक-एक वाक्य में उत्तर लिखिए
प्रश्न 1. भारतीय व्यापारी किस मार्ग से अपना माल सिकंदरिया ले जाते थे ?
उत्तर – आमतौर पर भारतीय व्यापारी समुद्री मार्ग से अपना सामान सिकंदरिया ले जाते थे ।
प्रश्न 2. कुषाण वंश के प्रमुख राजा का नाम बताइए ।
उत्तर – कुषाण वंश के प्रमुख राजा का नाम कनिष्क था ।
प्रश्न 3. भारतीयों का व्यापारिक सम्बन्ध किन-किन देशों से
अधिक था ?
उत्तर – भारतीयों का व्यापारिक सम्बन्ध चीन, सिकंदरिया, यूनान, रोम, मिस्त्र और यूरोप देशों से अधिक था ।
प्रश्न 4. भारत में पैदा होने वाले मसालों के नाम बताइए ।
उत्तर – भारत में पैदा होने वाले मसालों में हल्दी, अदरक, लौंग,
इलायची, दालचीनी, मिर्च, काली मिर्च आदि प्रमुख है ।
(स) इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए प्रश्न
1. रेशमी मार्ग किसे कहते हैं ?
उत्तर – चीन से मध्यएशिया होते हुए भूमध्य सागर तक एक रास्ता जाता था। उस रास्ते से चीन के रेशम का व्यापार होता था । इसलिए इसको रेशमी (रेशम) मार्ग या सिल्क रुट कहते थे। इस रास्ते में भारतीय व्यापारियों के ठिकानों व बौद्ध – बिहारों के अवशेष मिले है।
प्रश्न 2. व्यापारी व्यापार के अलावा और क्या-क्या कार्य करते थे?
उत्तर- व्यापारी व्यापार के अलावा एक-दूसरे से सम्पर्क बढ़ाते थे, एक-दूसरे के यहाँ राज्य स्थापित करके, एक-दूसरे के यहाँ बस्तियाँ बसाकर, धर्म प्रचार द्वारा एक-दूसरे को प्रभावित करते थे। यूनान व मध्य एशिया के कई लोग भारत में आकर बस गए। इन सब बातों का लोगों के रहन-सहन व सोच-विचारों पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा ।
प्रश्न 3. उन दिनों विदेशों में किन-किन चीजों की अधिक माँग थी ?
उत्तर- उन दिनों विदेशों में भारतीय मसालों, सुन्दर कपड़े, चन्दन, कीमती पत्थरों के आभूषण, हाथी, मोर, बन्दर इत्यादि सामानों की बड़ी माँग थी। इन चीजों के बदले वहाँ से सोना, मूँगा, तरह-तरह की शराब आदि मँगवाया जाता था ।
प्रश्न 4. गांधार शैली की मूर्तियों की विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर – गांधार शैली की मूर्तियों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
-
(1) गांधार शैली की मूर्तियों में बुद्ध की मूर्तियों का मुख ग्रीक अपोलो से मिलता है
(2) गांधार कला की मूर्तियों में शरीर की आकृति को हमेशा यथार्थ रूप में दर्शाया गया है
(3) मानव शरीर की सुन्दर रचना तथा माँसपेशियों की सूक्ष्मता ।
(4) अनुपम नक्काशी की गई है ।
(5) पारदर्शक वस्त्र और उनकी सलवटें ।
(6) चुन्नटों की बनावट पर जोर ।
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भूगोल के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 5. दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में भारतीय धर्म और दर्शन के
प्रभाव का उदाहरण बताइए
उत्तर – रोमन साम्राज्य और यूनान से सम्पर्क के कारण गणित, ज्योतिष और खगोलशास्त्र की जानकारी का आदान-प्रदान हुआ । इनविषयों से सम्बन्धित यूनानी ग्रन्थों का अनुवाद संस्कृत में हुआ। हफ्ते के सात दिन, बारह राशियाँ आदि बातें भारतीय विद्वानों ने उनसे अपनायीं, जबकि शून्य दशमलव चिन्ह आदि उन्होंने हमसे ग्रहण की। भारत से जो बौद्ध भिक्षु व श्रमण उन दिनों चीन, मध्य एशिया व दक्षिण-पूर्वी एशिया गये थे उन्होंने वहाँ के लोगों की सोच (दर्शन) और धर्म पर गहरा प्रभाव डाला; जैसे- दक्षिण – पूर्वी एशियाई देशों में भारतीय मन्दिरों की तरह भव्य मन्दिरों का निर्माण हुआ; जैसे- कम्बोडिया में अंकोरवाट मन्दिर ।
प्रश्न 6. सिक्के क्यों बनाए गए थे?
उत्तर – व्यापार में वस्तुओं को बेचने व खरीदने के लिए सिक्के (मुद्रा) को माध्यम बनाया गया। व्यापार में खासकर दूर-दराज के व्यापार में सोने-चाँदी के सिक्कों का बड़ा महत्व था । ये सिक्के साँचों में ढाले जाते थे तथा इसमें राजा का चित्र अंकित रहता था। प्रश्न 7. व्यापारियों को सेट्ठी क्यों कहा जाता था ?
उत्तर – व्यापारियों को सेट्ठी कहा जाता था क्योंकि वे दूर-दराज की । चीजें ऊँची कीमतों में बेचकर अपना व्यापार करते थे । इन पैसों से वे अपने लिए आरामदेह घर बनवाते थे। साथ ही वे देवताओं के लिए मंदिर बनवाते थे ।