1.रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. मुगल साम्राज्य के सभी अधिकारियों को मनसबदार कहा जाता था।
2. अकबरनामा के लेखक अबुल फ़जल हैं।
3. प्रत्येक मनसबदार को घुड़सवारों की एक टुकड़ी रखनी पड़ती थी।
4. मनसबदारों को वेतन जागीर के रूप में मिलता था।
5. तांबे के बने सिक्के को दाम कहते हैं व चांदी के बने सिक्के को रूपया कहते हैं।
सही / गलत बताएँ-
1. अकबर की व्यवस्था में किसानों को लगान अनाज के रूप में देना पड़ता था गलत
2. अधिकारी किसान के बोए गए जमीन की नापकर लगान तय करते थे। सही
3. किसान को अपनी उपज का एक चौथाई भाग लगान के रूप में देना पड़ता था। गलत
4. लगान इकट्ठा करने में अधिकारियों की मदद जमींदार करते थे। सही
प्रश्नों के उत्तर लिखिए
1. बाबर के जीवन के बारे में हमें किस स्रोत से पता चलता है ?
उत्तरः बाबर के जीवन के बारे में हमें उसकी आत्मकथा तुजुक – ए – बाबरी से पता चलता है । इसे बाबरनामा भी कहते हैं ।
2. हुमायूँ को भारत छोड़कर क्यों जाना पड़ा ?
उत्तरः हुमायूँ को अफगान सरदार शेरशाह ने हरा दिया । इस हार के कारण हुमायूँ को 1540 ई. में भारत से भागना पड़ा। वह 15 सालों तक भटकता रहा ।
3. क्या छत्तीसगढ़ अकबर के राज्य के अंदर था?
उत्तरः छत्तीसगढ़ अकबर के राज्य के अंदर नहीं था । छत्तीसगढ़ उस समय रतनपुर राज्य कहलाता था । यहाँ पर कल्चुरी राजवंश का प्रशासन प्रभावशील था ।
4. बाबर ने भारत में कौन-सी कला को विकसित करने की पहल की ?
उत्तरः बाबर को बागवानी का शौक था । उसने कई सुंदर बाग -बगीचे बनवाए ।
5. राणा प्रताप ने अकबर की अधीनता क्यों नहीं स्वीकार की ?
उत्तरः राणा प्रताप को मुगलों के अधीन रहना स्वीकार नहीं था। उसने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं हुआ । मुगलों से हार बाद भी पुनः अपनी सेना संगठित किया और आक्रमण कर अपने राज्य को प्राप्त करने में सफलता पाई ।
6. प्रायः लोग अकबर की किन नीतियों से ज्यादा प्रभावित हुए होंगे ?
उत्तरः 1. सब के प्रति शांति ( सुलह कुल )। सर्वधर्म समभाव ( दीन – ए – इलाही ) ।
7. मनसबदारों की नियुक्ति कौन करता था ?
उत्तरः मनसबदारों की नियुक्ति बादशाह स्वयं करता था
8. मनसबदारों का तबादला क्यों होता था ?
उत्तरः मनसबदारों का समय – समय पर तबादला कर दिया जाता था ताकि वे स्थानीय लोगों से मिलकर विद्रोह न करें ।
9. अकबर की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए ?
उत्तरः सन् 1575 से 1585 के बीच अकबर ने कई धर्म गुरूओं से चर्चा की उसने अपनी राजधानी फतेहपुर सीकरी में मस्जिद के पास एक इबादतखाना बनवाया । अकबर ने हिन्दू मुस्लिम एकता स्थापित करने के लिए दीन ए इलाही धर्म की स्थापना की । उसके मन में यह धारणा बनी की सभी धर्मों में सच्चाई व अच्छाई है । दुनिया में विविधता , अलग – अलग संस्कृति व धर्म , ईश्वर की ईच्छा से बने हैं । इसी नीति के अनुकूल अकबर ने हिन्दुओं पर लागू जजिया व तीर्थ यात्रा कर हटा दिया । मंदिर बनाने की अनुमति दी और हिन्दू व जैन मंदिरों व मठों को दान दिया । उसने रामायण , महाभारत जैसे ग्रंथों का फारसी में अनुवाद करवाया । अकबर ने अपने निजी जीवन में भी कई धर्मों की बातों का समावेश किया । वह रोज सूर्य की पूजा करता था , मांस – मदिरा आदि का उपयोग कम करने लगा और दीवाली , नौरोज जैसे त्यौहारों को मानता था । उसकी इस नीति को मुगल साम्राज्य के सभी लोगों का समर्थन मिला ।
10. अकबर की लगान-व्यवस्था की विशेषतायें बताइए ?
उत्तरः अकबर की लगान व्यवस्था की निम्नलिखित विशेषताएं थीं ।
1 किसान लगान रुपए में दें न कि अनाज के रूप में । इससे छोटे अधिकारी व जमींदारों की मनमानी जाती रही ।
2. किसान जितनी जमीन में खेती करता था , उसी हिसाब से लगान चुकाना था । आमतौर पर अपने उपज का एक तिहाई या आधा हिस्सा लगान के रूप में देना पड़ता था ।
3. किसानों से लगान इकट्ठा करने में स्थानीय जमादार अधिकारियों की मदद करते थे ।
4. किसानों से प्राप्त लगान से ही राज्य का खर्च चलता था ।