2. अभ्यास प्रश्न –
प्रश्न 1.संविधान क्या है ? संविधान सभा का गठन क्यों किया गया था ?
उत्तर – नियमों का एक समूह जिसके अंतर्गत किसी देष या संगठन चलाया जाता है उसे संविधान कहते है।
भारत को आजादी के बाद चलाने के लिए सक समूह का चुनाव किया गया था जिसे संविधान सभा कहते हैं। इसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे।इस सभा में लगभग 299 सदस्य थे । प्रत्येक राज्य के विद्वानों और सक्रिय नेताओं को इसका सदस्य बनाया गया था । संविधान सभा के गठन का मुख्य कारण श्रेष्ठतम संविधान का निर्माण तो था ही , साथ ही सभी राज्यों की हितों की रक्षा , सभी वर्गों को समान रूप से प्रतिनिधित्व देकर उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना भी था । तत्कालीन राजनेता यह बिलकुल नहीं चाहते थे कि भविष्य में प्रतिनिधित्व को लेकर किसी प्रकार का विवाद हो इसलिए क्षेत्रों के अनुभवी व विद्वानों को चुनकर संविधान सभा का गठन किया गया था ।
प्रश्न 2. संविधान की आवश्यकता किन परिस्थितियों में हुई?
उत्तर – अंग्रेजों के जाने के बाद देष में किस तरह का शासन हो यह बड़ प्रष्न था। भारत में अनेक जाति , धर्म , सम्प्रदाय , भाषा के लोग निवास करते हैं , अतः उनकी हितों की रक्षा किस प्रकार की जाय ? क्षेत्रीयता , जातिवाद अलगाववाद , भाषावाद की समस्याओं को कैसे दूर किया जाय ? महिला , बूढ़ों , बच्चों , अपाहिजों व अल्पसंख्यकों की सुरक्षा किस प्रकार हो ? समाज में व्याप्त रूढ़ियों, परम्पराओं की जटिलता को कैसे दूर किया जाय ? आदि अनेक प्रष्न थे जिनसे निपटना था । ऐसी परिस्थिति मे एक ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता महसूस की गई , जो इन सभी बाधाओं को दूर करने का रास्ता निकाल सके । अतः उक्त परिस्थितियों में संविधान की आवश्यकता हुई ।
प्रश्न 3. संविधान की उद्देशिका में दिए गए शब्द समता को समझाइए ।
उत्तर – भारतीय संविधान की उद्देशिका में दिए गए समता शब्द से आशय है समानता देश का हर नागरिक कानून की नजर में समान है । चाहे वह किसी भी धर्म, जाति अथवा संप्रदाय को हो उस पर एक ही कानून लागू होगा। रोजगार के क्षेत्र में भी समानता का अधिकार लागू होता है । देश का हर काबिल व्यक्ति अपने योग्यता नुसार काम करने का अधिकार है । इसमें कोई भी भेदभाव नहीं किया जा सकता है। सार्वजनिक स्थलों पर सबका समान अधिकार होगा । किसी भी व्यक्ति को जाति , धर्म के आधार पर इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता ।
प्रश्न 4. भारत का संविधान 1950 में 26 जनवरी को ही क्यों लागू किया गया ?
उत्तर-भारत का संविधान 25 जनवरी 1950 को ही लागू करने का कारण ऐतिहासिक है । 26 जनको सन् 1929 को के लाहौर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य का संकल्प लिया था इस पूर्ण स्वराज्य के संकल्प दिवस के महत्व को बनाए रखने के लिए 26 जनवरी , सन् 1950 को देश में संविधान लागू किया गया था।
प्रश्न 5. यदि संविधान नहीं होता तो क्या – क्या दिक्कतें होती ?
उत्तर -यदि किसी देश में संविधान न हो तो व्यक्ति व विभाग को अपने अधिकार व कर्तव्य का ज्ञान नहीं होता व वे एक -दूसरे के कामों में अवरोध उत्पन्न करते, हमेशा विवाद की स्थिति निर्मित होती व अराजकता फैलेगी। देश का विकास रुक जाता ।
संविधान होने के कारण ही नागरिक नियमों के तहत काम करता है।
प्रश्न 6. यदि समाज में कोई कानून न हो तो क्या होगा?
उत्तर- यदि समाज में कोई कानून नहीं हो तो परिणाम अराजक और संभावित रूप से विनाशकारी होगें। कानून इसीलिए भी जरूरी है कि यह व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और व्यक्तियों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए आधार के रूप में कार्य करते हैं। कानूनों के बिना, संघर्षों को सुलझाने, अपराधों को दंडित करने या सामाजिक व्यवहार को विनियमित करने के लिए कोई रूपरेखा नहीं होगी। समाज संभवतः अराजकता की स्थिति में पहुंच जाएगा, जहां हिंसा, शोषण और अराजकता व्याप्त हो जाएगी। स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे और शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं क्योंकि मानकों को लागू करने या संसाधनों को आवंटित करने के लिए कोई कानूनी तंत्र नहीं होगा।
प्रश्न 7. राष्ट्रीय एकता को समझाइए ?
उत्तर – राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य किसी राष्ट्र के भीतर सद्भाव और एकजुटता की स्थिति से है, जहां उसके नागरिक मूल्यों, लक्ष्यों और सामूहिक पहचान की भावना से एक साथ बंधे होते हैं। इसमें मतभेदों को दूर करके समावेशिता को बढ़ावा देने और भलाई की दिशा में काम करने की इच्छा शामिल है। राष्ट्रीय एकता सामाजिक स्थिरता को मजबूत करती है, सहयोग को बढ़ाती है, और विकास और समृद्धि की दिशा में लोगों की विविध शक्तियों और दृष्टिकोणों का लाभ उठाकर प्रगति को बढ़ावा देती है।
बताईए पाठ्य पुस्तक में दिए गए अतिरक्त प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1. जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों का शासन क्यों होना चाहिए ?
उत्तर – वर्तमान शासन पद्धतियों में सर्वाधिक लोकप्रिय शासन पद्धति प्रजातंत्र है। इसमें जनता अपने लिए सरकार का चुनाव करती है। और उसके प्रतिनिधि जनता की तरफ से नियम बनाते हैं। । वह प्रतिनिधि उस क्षेत्र की समस्त समस्याओं और विकास की संभावनाओं से भली – भाँति परिचित होता है । अतः वह प्राथमिकता के आधार पर समस्याओं का निदान करने में अधिक सफल होता है । उपलब्ध संसाधनों की जानकारी के कारण प्रतिनिधि उसका उचित उपयोग कर रोजगार के अवसर सुनिश्चित कर सकता है । इस प्रकार स्पष्ट है कि जनता द्वारा चुने प्रतिनिधियों का शासन होना आवश्यक है ।
प्रश्न 2. महिला और पुरुष को समान अधिकार क्यों मिलना चाहिए ?
उत्तर – कहा जाता है कि एक बालिका शिक्षित होती है तो वह न केवल दो परिवारों को सुशिक्षित व विकसित बनाती है बल्कि पूरी पीढ़ी को षिक्षित करती है। जिस प्रकार गाड़ी के कुशल संचालन के लिए दोनों पहियों का समान रूप से मजबूत होना आवश्यक है उसी प्रकार समाज रूपी गाड़ी के संतुलित संचालन के लिए पुरुषों के समान ही महिलाओं को समानता का अधिकार देना आवश्यक है । महिला और पुरुष जीवन रूपी गाड़ी के वे दो पहिए हैं । यदि महिलाएँ यदि समाज में पिछड़ी रह जाती हैं तो समाज का विकास पचास फीसदी तक प्रभावित हो जाता है । इस प्रकार स्पष्ट है कि समाज , राष्ट्र व विश्व को सुसंस्कृत और विकसित बनाने के लिए महिलाओं को भी पुरुषों के समान अधिकार देना अत्यन्त आवश्यक है ।
प्रश्न 3. 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं ?
उत्तर – आजादी के पहले 31 दिसम्बर 1929 को कांग्रेस ने अपने लाहौर अधिवेशन में सम्पूर्ण देष में पूर्ण स्वराज्य का संकल्प लेकर 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस मनाया था। फिर आजादी के बाद जब संविधान लागू करने के दिन पर चर्चा हुई तो इस दिन की याद को अविस्मरणीय बनाने के लिए 26 जनवरी को ही चुना गया । इसीलिए हम 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस मनाते हैं ।