द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध (1848-1849)
– अप्रैल 1848 में, दीवान मूलराज के नेतृत्व में मुल्तान में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह भड़क उठा। – यह विद्रोह पूरे पंजाब में फैल गया, …
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– अप्रैल 1848 में, दीवान मूलराज के नेतृत्व में मुल्तान में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह भड़क उठा। – यह विद्रोह पूरे पंजाब में फैल गया, …
अंगलो-सिख युद्ध 19वीं सदी के मध्य में सिख साम्राज्य और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच दो लड़ाईयां हुई। एक 1845 से 1846के बीच हुई …
पानीपत की तीसरी लड़ाई 18वीं सदी के भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना, पानीपत की तीसरी लड़ाई थी जो 14 जनवरी, 1761 को हुई थी। …
संभाजी महाराज कौन है? फिल्म छावा छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी महाराज की कहानी कहता है। एतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर शंभाजी महाराज का …
विनायक दामोदर सावरकर ने एक किताब 1909 में लिखी थी जिसका शीर्षक था भारतीय स्वतंत्रता का पहला युद्ध इससे पहले ब्रिटिश इसे विद्रोह या 1857 …
18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा साम्राज्य के बीच कुल तीन एंग्लो-मराठा युद्ध लड़े गए। …
दूसरा एंग्लो-मराठा युद्ध (1803-1805) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा संघ के बीच एक महत्वपूर्ण संघर्ष था। इसके परिणामस्वरूप अंग्रेजों को प्रमुख क्षेत्रीय लाभ प्राप्त …
प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-1782) प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-1782) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा संघ के बीच पहला बड़ा संघर्ष था। यह मराठा उत्तराधिकार विवाद …
मैसूर साम्राज्य और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी तथा उनके सहयोगियों के बीच हुए श्रृखलाबद्ध लड़ाई हुई थी जिसे एंग्लो-मैसूर लड़ाई के नाम से जाना जाता …
29 मई, 1658 को लड़ी गई सामूगढ़ की लड़ाई मुगल उत्तराधिकार युद्ध में एक महत्वपूर्ण घटना थी। शाहजहाँ की बीमारी के बाद, उसके बेटों के …