श्रृंत्रिऋषे नगरी

पाठ का हिंदी अनुवाद श्रृंगी ऋषि की नगरी
छत्तीसगढराजस्य पूर्वदिशि धमतरीजिलान्तर्गतं सिहावानगरी विद्यते । पर्वतस्य सघनगुहाभिः विविधैः मठैः च आच्छादिता इयं नगरी प्रसिद्धा । पर्वतस्योपरिभागे श्रृंत्रिऋषेः आश्रमः अस्ति । श्रृंङ्गिऋषेः धर्मपत्नी शान्तादेवी अपि अस्मिन् पर्वते विराजते । (सिहावन शहर छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्वी भाग में धमतरी जिले में स्थित है। यह शहर अपनी घनी पहाड़ी गुफाओं और विभिन्न मठों के लिए प्रसिद्ध है। पर्वत की चोटी पर ऋषि श्रीन्त्री का आश्रम है। श्रृंगी ऋषि की पत्नी शांतादेवी भी इसी पर्वत पर निवास करती हैं।)
पर्वतस्य गुहायां शक्तिस्वरूपिणी दुर्गा प्रतिष्ठिता । अस्य क्षेत्रस्य इयं सिहावानगरी प्रयागः इति अभिधीयते। सिहावाक्षेत्रस्य समीपे सांकरा नाम ग्रामः अस्ति । यत्र दन्तेश्वरीमाता बस्तरराज्ञः कुलदेवी इति ख्यातिं प्राप्ता । नगरवासिनः देर्वी दन्तेश्वरी शक्तिस्वरूपां मन्यन्ते । अत्रैव शक्तिस्वरूपा सतीमाई गादीमाई च विराजेते। ग्रामदेवता ठाकुरदेवः अपि जनैः पूज्यते । सघनवनानां मध्ये प्रतिष्ठिता देवीकालिका खल्लारीग्रामान्तर्गतं विद्यते । अत्र आगन्तुकाः श्रद्धालुजनाः स्वकामनाप्राप्त्यर्थं देवीं प्रार्थयन्ते । देवीकालिका तेषाम् आकांक्षाः पूरयति ।
(पर्वत की गुफा में शक्ति रूपी दुर्गा स्थित हैं। इस क्षेत्र के सिहावा नगर को प्रयाग कहा जाता है। सिहावा क्षेत्र के पास सांकरा नामक एक गांव है। दंतेश्वरी माता बस्तर के राजा की कुल देवी के रूप में प्रसिद्ध हुईं। शहर के निवासियों का मानना ​​है कि देवी दंतेश्वरी शक्ति का अवतार हैं। यहीं पर शक्ति के रूप सतीमाई और गादीमाई निवास करती हैं। ग्राम देवता ठाकुरदेव की भी लोग पूजा करते हैं। घने जंगलों के बीच खल्लारी गांव में स्थित है देवी कालिका। यहां आने वाले भक्त देवी से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। देवी कालिका उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।)

देवीकालिका न केवलं छत्तीसगढ राज्ये प्रत्युत सर्वत्र प्रसिद्धा । अत्र कर्णेश्वरधाम स्वविपुलसांस्कृतिक- सम्पदाभिः परिपूर्णम् अस्ति । भौगोलिक प्राकृतिक-आदिम-संस्कृति-पुरातात्विक सम्पदानां निधिः सप्तऋषीनां स्थली च इयं सिहावानगरी छत्तीसगढराज्ये अतिप्रसिद्धा ।
(देवी कालिका केवल छत्तीसगढ़ राज्य में ही नहीं बल्कि सर्वत्र प्रसिद्ध हैं। यहां का कर्णेश्वर धाम अपनी विशाल सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण है। भौगोलिक, प्राकृतिक, आदिम संस्कृति और पुरातात्विक खजाने का खजाना और सप्त ऋषियों की स्थली सिहावा छत्तीसगढ़ राज्य में बहुत प्रसिद्ध है।))

1. निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए ।
1. शक्तिस्वरूपा दुर्गा कुत्र प्रतिष्ठिता ? (शक्तिरूप दुर्गा कहाँ पर स्थित है?)
उत्तरः पर्वतस्य गुहायां शक्तिस्वरूपिणी दुर्गा प्रतिष्ठिता ।(शक्तिरूप दुर्गा पर्वत की गुफाओं में स्थित है।)
2. सिहावाक्षेत्रं किम् अभिधीयते ?(सिहावा क्षेत्र को क्या कहा जाता है?)
उत्तरः सिहावाक्षेत्रं प्रयागाः इति अभिधीयते (सिहावा क्षेत्र को प्रयाग कहा जाता है )
3. सघनवनानां मध्ये खल्लारीग्रामान्तर्गतं का देवी विद्यते ?(संघन जंगलों के बीच खल्लारी ग्राम में कौन-कौन देवी विद्यमान हैं ?)
उत्तरः सघनवनांना मध्ये खल्लरी ग्रामन्तर्गत। देवी कालिका विद्यते। (सघन वनों के बीच खल्लारी गा्रम में देवी कालिका विद्यमान है।)
4. सप्तऋषीनां तपस्थली का अस्ति ? (सप्तऋषि की तपस्थल कौन सी है।?)
उत्तरः सप्तऋषीनां तपस्थली सिहावा नगरी अस्ति (सप्तऋषि की तपस्थली सिहावा नगर है। )

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए ।
1. सिहावाक्षेत्रस्य समीपे सांकरा——-ग्रामः अस्ति ।
2. पर्वतस्य गुहायां शक्तिरूपेणी दुर्गा प्रतिष्ठिता ।
3. बस्तरराज्ञः कुलदेवी इति ख्याति प्राप्ता ।
4. देवी कालिका केवलं छत्तीसगढराज्ये न ख्याता प्रत्युत विश्वप्रसिद्धा ।

3. अस् धातु के लद, लूट और लङ् लकार के सभी रूप लिखिये ।
अस् होना धातु

एक वचन द्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरूषअस्तिस्तःसन्ति
मध्यम पुरूषअसिस्थःस्थ
उत्तम पुरूषअस्मिस्वःस्मः

अस् धातु लट्लकार

Header 1एक वचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरूषगच्छतिगच्छतःगच्छन्ति
मध्यम पुरूषगच्छसिगच्छतः गच्छथः
उत्तम पुरूषगच्छामिगच्छावः गच्छामः

अस् धातु लग्लकार

एक वचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरूषआसीतआस्ताम्आसन्
मध्यम पुरूषआसीःआस्तम्आस्त
उत्तम पुरूषआसम्आस्वआस्म

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *